कलीनगर में दिखाई देती है अस्पताल की बिल्डिंग ,नही देखते कोई भी चिकित्सक,
कलीनगर
पीलीभीत
कलीनगर का अस्पताल खंडहर में तब्दील, आसरा आवास में चल रहा अस्पताल कलीनगर : कलीनगर सहित चार गांव में बने आयुर्वेदिक चिकित्सालय फार्मासिस्ट के सहारे चल रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती न होने के कारण मरीजों को स्वास्थ सेवाओं का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है। कलीनगर व जमुनिया अस्पताल की जिम्मेदारी एक फार्मासिस्ट पर होने के कारण मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कलीनगर में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल का भवन खंडहर में तब्दील हो गया। अस्पताल इन दिनों आसरा आवास के कमरे में चल रहा है। आदर्श नगर पंचायत होने तथा तहसील क्षेत्र बड़ा होने पर भी कलीनगर में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। पहले से ही यहां पर आयुर्वेदिक चिकित्सालय खंडहर में तब्दील है। पिछले डेढ़ दशक से पता की बिल्डिंग जर्जर हालत में खड़ी है। हॉस्पिटल बिल्डिंग चोर उचक्कों व जुआरियों का अड्डा बन चुका है। बिल्डिंग खस्ताहाल होने के कारण अस्पताल आसरा आवास के एक कमरे में चल रहा है। कलीनगर अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर की ढेड़ साल पूर्व ट्रांसफर हो जाने के कारण यहां पर अभी तक कोई चिकित्सक की तैनाती नहीं हो सकी। इसकी जिम्मेदारी जमुनिया आयुर्वेदिक अस्पताल के एक फार्मासिस्ट पर एक्स्ट्रा है। जमुनिया में भी डॉक्टर की तैनाती नहीं है। इसके अलावा चांदूपुर व बाइफरकेशन का अस्पलात फार्मासिस्ट के सहारे चल रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती न होने पर यहां आने वाले मरीजों का बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है। कलीनगर तहसील होने पर भी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर न होने पर क्षेत्र के लोगों को पूरनपुर या पीलीभीत में इलाज कराने जाना पड़ता है।