रनपुर : नगर व ग्रामीण क्षेत्र में बिना लाइसेंस व फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं।

पूबेखौफ संचालक युवाओं को जहर बांट कर मनमाने दाम वसूल रहे हैं। दिन प्रतिदिन युवा नशे में डूबता जा रहा है। कागजों में नाम ना होने के कारण विभाग ऐसे मेडिकल स्टोरों पर नहीं पहुंच पाता है। औषधि निरीक्षक की सयुक्त टीम कभी कभार छापामारी कर इतिश्री कर लेती है। इसके चलते नगर में बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल पर भारी मात्रा में नशीली दवाइयां बेची जा रहीं हैं।
नशा युवाओं का फैशन बन चुका है। युवाओं को नशीले पदार्थ कहीं दूर से नहीं लेने जाने पड़ते हैं बल्कि उनके आस-पास की दवा की दुकानों पर ही यह सब मिल जाता है। किराने की दुकानों से लेकर मिठाई की दुकान तक नशीली दवाइयों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। नगर मध्य क्षेत्र में बिना लाइसेंस के चल रहा मेडिकल स्टोरों पर नशे का कारोबार काफी गर्म है। फर्जी मेडिकल संचालक भारी मात्रा में नशीले इंजेक्शन और दवाइयां ऊंचे दामों पर बिक्री कर रहे हैं। युवा नशे की लत में पड़कर बर्बाद हो रहा है। सरकारी कागजों में इन मेडिकल स्टोर का नाम न होने के कारण विभाग भी इन तक जल्दी नहीं पहुंच पाता है। इस गोरखधंधे में संचालकों की पकड़ ऊपर तक होती है। ऐसे मेडिकल पर छापा पड़ने से पूर्व उनको भनक लग जाती है और दुकान बंद कर खिसक जाते हैं। कुछ माह पूर्व बरेली व पीलीभीत की औषधि निरीक्षक की संयुक्त टीम ने नगर के ब्लॉक रोड पर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा था। टीम ने मेडिकल से भारी मात्रा में नशीली दवाइयां व इंजेक्शन बरामद किए थे। टीम ने एक्सपायरी दवाइयां भी बरामद की थी। यह छापेमारी जिलाधिकारी के आदेश पर हुई थी। आमजन की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंगता।
इन गांवों में नशे का कारोबार
पूरनपुर व कलीनगर तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव सबलपुर, मोहनपुर नजीरगंज, सुल्तानपुर, कुरैया जोगराजपुर, घुंघचाई, दिलावरपुर, बलरामपुर, रम्पुरा फकीरे, सिरसा, गढ़वाखेड़ा, कलीनगर, माधोटांडा, पिपरिया संतोष, मल्लपुर, नवदिया धनेश, शाहगढ़, सकरिया, जमुनियां, मथना, ढकिया सहित कई गांव में मानकों को ताक पर रखकर चल रहे हैं।